Posts

“समंदर की गहराई का सफ़र”

इस कविता के द्वारा , कवि अपनी सोच को व्यक्त करते हुए यह कहना चाहता है कि हमारे अंदर छुपी गहराई को समझना बहुत मुश्किल है। बाहर से सिर्फ़ देखने वालों को दर्द और कहानियों का पता नहीं होता ; उन्हें समंदर की सिर्फ़ लहरों का नज़ारा दिखाई देता है। इसलिए , अपने अंदर की गहराई को जानने के लिए हमें ख़ुद को खोजना पड़ेगा और समंदर के बीच उतरना पड़ेगा। कुछ लोग मेरे अल्फ़ाज़ से , मेरे अंदर देखना चाहते हैं , मेरी खामोशियों में छुपी , कहानियाँ समझना चाहते हैं। किनारे पर बैठ कर , लहरों को गिन रहे हैं , समंदर की गहराई , बस नज़रों से तौल रहे हैं।   कैसे समझाऊँ उन्हें , जो सिर्फ़ ऊपर से देखते हैं ,   मेरे दिल के तूफ़ान को , जो सिर्फ़ अंदर ही बहते हैं।   ये गहराई समंदर की , आँसुओं से बंधी है ,   जैसे दर्द की लहरों में , हर रात ढलती है।   छुपाया है मैंने बहुत कुछ , ख़ुद से भी कभी ,   हर एक लहर के पीछे , एक कहानी है दबी।   जो...